आइना (آئینہ )/Aaina
Wednesday, May 25, 2016
शोला हूँ समन्दर को जलाने की हैसियत रखता हूँ मैं,
तेरे शबनमी अश्क़ों में मगर डूब मरने की चाहत रखता हूँ मैं,
तेरे इश्क़ का जुनूं है कि खुद को सम्भाले रखता हूँ मैं,
वरना तबाह सारी कायनात को करने की कूवत रखता हूँ मैं।।।।
No comments:
Post a Comment
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment