ज़ज्बात अपने दिल की
------खुदगर्ज़ नदीम
ज़ज्बात अपने दिल की
दिल में ही दबा रहने दो तुम..
अश्कों को बंद अपनी आँखों में
और होठो पर हँसी सजा लो तुम...
ये दुनिया है पत्थर दिल इंसानों की
इनसे ना गिला किया करो तुम
अश्कों को बंद अपनी आँखों में
और होठो पर हँसी सजा लो तुम...
है चेहरे पर चेहरा सजा सबके यहाँ
चेहरा कोई नया लगा लो तुम
अश्कों को बंद अपनी आँखों में
और होठो पर हँसी सजा लो तुम..
ढूँढते हो वफा की सीरत “नदीम ” तुम हर कहीं
पहले खुद से ही मोहब्बत निभा लो तुम
अश्कों को बंद अपनी आँखों में
और होठो पर हँसी सजा लो तुम...
------खुदगर्ज़ नदीम
ज़ज्बात अपने दिल की
दिल में ही दबा रहने दो तुम..
अश्कों को बंद अपनी आँखों में
और होठो पर हँसी सजा लो तुम...
ये दुनिया है पत्थर दिल इंसानों की
इनसे ना गिला किया करो तुम
अश्कों को बंद अपनी आँखों में
और होठो पर हँसी सजा लो तुम...
है चेहरे पर चेहरा सजा सबके यहाँ
चेहरा कोई नया लगा लो तुम
अश्कों को बंद अपनी आँखों में
और होठो पर हँसी सजा लो तुम..
ढूँढते हो वफा की सीरत “नदीम ” तुम हर कहीं
पहले खुद से ही मोहब्बत निभा लो तुम
अश्कों को बंद अपनी आँखों में
और होठो पर हँसी सजा लो तुम...
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